मुझ में देव जीवन का विकास -I
मुझ में देव जीवन का विकास -II
विनाश और विकास —दो अटल नियम
आवागमन या पुनर्जन्म का मिथ्या विश्वास
ईश्वर का झूठा विश्वास और उसके भयानक फल
जब अपनी आंतरिक झलक नज़र पड़ी
आत्मा सम्बन्धी घोर अंधकार
भगवान् देवात्मा का घोर कानूनी उत्पीडन
अहं इंसान का सबसे भयंकर शत्रु
श्रीमती सावित्री अग्निहोत्री का जीवन चरित
देव समाज पहली श्रेणी प्रतिज्ञा पत्र
पशु जगत और उसके सम्बन्ध में
श्रीमान देवत्व सिंह जी-part 2
भगवान् देवात्मा की शरण में
देवात्मा का अद्वित्य देवरूप
मुझ तुच्छ को क्या क्या सर्वश्रेष्ठ दान दिया है
देव समाज के चार महालक्ष्य
नीच शक्तियों के दासत्व से मोक्ष की आवश्यकता
अनुरागी शिष्य बनने की विशेषता और विधि
अद्वितीय आविर्भाव की अद्वितीय महिमा
मनुष्य जगत में एक और सिर्फ एक सच्चे उपास्यदेव का आविर्भाव और सच्ची प्रकृति की तरफ से उसका पुष्टिकरण
देवात्मा के अतिरिक्त और कोई भी सच्चा उपास्यदेव नहीं
पूजनीया देवकी देवी जी अग्निहोत्री
उच्च व श्रेष्ठ सोलह बड़े बड़े सद्गुण
भाई अमर सिंह जी की अमर कहानी
विज्ञानमूलक तत्व शिक्षा-1
श्रीमान धर्मबल की के कुछ पत्र
मेरे छोटे भाई के संबंध में मेरी सेवाएँ
सरदार साहब सरदार जमीयत सिंह जी
श्रीमान देवत्व सिंह जी- भाग 1
मुझे क्या से क्या बना दिया
डॉक्टर प्रेम देवी जी- भाग 3
डॉक्टर प्रेम देवी जी- भाग 2
डॉक्टर प्रेम देवी जी- भाग 1
मनुष्य के संबंध में चार महा-तत्त्व
जीवन पथ से अन्धता व गुरु की महिमा
मेरा वंश और मेरे वंशीय पूर्वज
देवात्मा के चरणों में रहने के दिनों की याद
अद्वितीय आविर्भाव की अद्वितीय महिमा